A Review Of बबूल के फायदे और नुकसान





दाद (खुजली) को ठीक करने के लिए बबूल के फूलों को सिरके में पीस लें। इसे खुजली (दाद) वाले अंग पर लगाएं। दाद और खुजली में लाभ होता है।

सिरका एसेटिक एसिड होता है जिसे किसी स्किन केयर में भूलकर भी शामिल नहीं करना चाहिए.

अगर गलती से बबूल का कांटा चुभ जाए तो उसे तुरंत निकाल देना चाहिए। नहीं तो उस जगह पर पस हो सकता है।

इसके गोंद को घी में तलकर उसका पाक बनाकर खाने से पुरुषों का वीर्य बढ़ता है और प्रसुतिकाल काल में स्त्रियों को खिलाने से उनकी शक्ति भी बढ़ती है।

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सोशल मीडिया पर आपने देखा होगा कि कोई आइब्रो सेट करने के लिए तो कोई फाउंडेशन सही तरह से लगाने या फिर पीलिंग मास्क बनाने के लिए गोंद का इस्तेमाल करता है.

जिन महिलाओं को कमर दर्द की शिकायत है उनके लिए भी बबूल की गोंद काफी ज्यादा फायदेमंद रहती है। बबूल की छाल ,फली और गोद को बराबर मात्रा में पीस लें। एक चम्मच मात्रा को दिन में तीन बार सेवन करने से कमर दर्द से काफी ज्यादा राहत मिलती है। इसके अलावा अगर आप बबूल की गोंद पीस कर  लड्डू बनाकर भी खा सकते  हैं। तब भी आपको कमर दर्द से राहत मिल सकती है। 

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बबूल के पत्ते के रस को छाछ में मिलाकर पिलाने से हर प्रकार के दस्त पर रोक बबूल के फायदे और नुकसान लगती है।

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स्त्रियों में प्रसूति के बाद इस गोंद का सेवन शरीर को ताकत देता है।

बहुत लोग अधिक पसीना आने की वजह से काफी ज्यादा परेशान रहते हैं। तो अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त हैं तो बबूल का उपयोग करके देखें। आपको इसका लाभ जरूर मिल सकता है।

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